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Data Representation in Hindi | डाटा रिप्रजेंटेशन क्या है?
- 1.1 Definition of Data Representation –
- 2 एनालॉग क्रियाएँ (Analog Operation) –
- 3 बाइनरी या द्वि-आधारी संख्या प्रणाली (Binary Number System) –
- 4 दशमलव या दाशमिक संख्या प्रणाली(Decimal Number System)-
- 5 ऑक्टल या अष्ट –आधारी संख्या प्रणाली(Octal Number System)-
- 6 हेक्सा-डेसीमल या षट्दशमिक संख्या प्रणाली (Hexa-decimal Number System) –
Introduction –
Data Representation क्रमश: दो शब्दों से मिलकर बना है पहला Data जिसे हम आसान शब्दों में कहें तो डिजिटल Information या जानकारी कहते हैं । तथा Representation का अर्थ निरूपण, दर्शाना या वर्णन करना होता है ।
कम्प्यूटर में हम विभिन्न प्रकार के डाटा जैसे कि audio, video, text, graphics numeric आदि को स्टोर करते है । चूंकि कम्प्यूटर एक मशीन है जो human language नहीं समझता है । वह यूज़र द्वारा दिये गये अलग-अलग निर्देशों तथा डाटा को एक ही भाषा में संग्रहित करता है । जो कि 0 व 1 होती है जिसे हम बाइनरी लैंग्वेज कहते है ।
Definition of Data Representation –
कम्प्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में यूज़र द्वारा दिये गये सभी प्रकार के डाटा व निर्देश 0 व 1 इन दो अंको में परिवर्तित हो जाते हैं । इस प्रक्रिया को ही Data Representation कहते हैं । अर्थात् यूज़र द्वारा Input किया गया Data कम्प्यूटर जिस रूप में (0,1) ग्रहण करता है उसे Data Representation कहते हैं ।
Data Representation करने की दो क्रियायें है ।
- एनालॉग क्रियाएँ (Analog Operation)
- डिजिटल क्रियाएँ (Digital Operation)
एनालॉग क्रियाएँ (Analog Operation) –
वे क्रियाएँ जिनमें अंको का प्रयोग नहीं किया जाता है, एनालॉग क्रियाएँ कहलाती है । एनालॉग क्रियाएं भौतिक मात्राओं जैसे- दाब, ताप, आयतन, लम्बाई आदि को उनके पूर्व परिभाषित मानों के एक वर्णक्रम के साथ परिवर्तनीय बिन्दुओं में व्यक्त किया जाता है । एनालॉग क्रियाओं का प्रयोग मुख्यत: इन्जीनियरिंग तथा विज्ञान के क्षेत्रों में किया जाता है ।
Example – स्पीडामीटर, थर्मामीटर, वोल्टमीटर, इत्यादि एनालॉग क्रियाओं के उदाहरण है ।
डिजिटल क्रियाएँ (Digital Operation) –
आधुनिक कम्प्यूटर डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक परिपथ से निर्मित होते हैं । इस परिपथ का मुख्य भाग ट्रांजिस्टर होता है । जो दो अवस्थाओं क्रमश: 0,1 के रूप में कार्य करता है ।
कम्प्यूटर में डाटा को इन दो अवस्थाओं 0 व 1 के रूप में व्यक्त करते है तथा इन दो अंको या अवस्थाओं के सम्मलित रूप को बाइनरी संख्या-प्रणाली कहते है जिसे इंग्लिश में Binary Number System कहते हैं । Binary Number System को संक्षिप्त में bit कहा जाता है ।
कम्प्यूटर में डाटा की सबसे छोटी इकाई bit कहलाती है जो कि दो अंको के समूह 0 व 1 से मिलकर बनी होती है ।
4 बिट्स – 1 निबल
1024 बाइट्स – 1 किलोबाइट (KB)
1024 किलोबाइट्स – 1 मेगाबाइट (MB)
1024 मेगाबाइट्स – 1 गीगा बाइट्स (GB)
1024 गीगाबाइट्स – 1 टेराबाइट (TB)
बाइनरी या द्वि-आधारी संख्या प्रणाली (Binary Number System) –
Binary Number System जैसा की नाम से ही स्पष्ट है कि इसमें binary (जिसका अर्थ दो होता है) अंको 0 व 1 का प्रयोग होता है । इस प्रणाली में केवल दो अंक 0 (शून्य) व 1 (एक) का प्रयोग होता है जिस कारण इसे द्वि-आधारी प्रणाली भी कहते हैं । यह एक स्विच की तरह कार्य करती है जिसमें केवल दो स्थिति होती है एक ऑन की और दूसरी ऑफ की, इसके अतिरिक्त तीसरी स्थिति संभव नहीं है । इस आधार पर ही कम्प्यूटर संख्या प्रणाली में 0 (शून्य) का अर्थ ऑफ से तथा 1 (एक) का अर्थ ऑन से लगाया जाता है । बाइनरी का अर्थ दो होने के कारण उसके स्थानीय मान दाईं से बाई ओर क्रमश: दोगुने होते जाते हैं । अर्थात् 2, 4, 8, 16, 32, 64 आदि ।
दशमलव या दाशमिक संख्या प्रणाली(Decimal Number System)-
दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली संख्या प्रद्धति को दशमिक या दशमलव संख्या प्रणाली कहा जाता है । Decimal Number System में 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 व 9 दस संकेत मान होते हैं । जिस कारण इस संख्या प्रणाली का आधार 10 होता है ।
Decimal Number System का स्थानीय मान संख्या के दायीं से बायीं दिशा में आधार 10 की घात के क्रम में बढ़ते हुये होता है । दशमलव प्रणाली के स्थानीय मान क्रमश: निम्न प्रकार है ।
इस उदाहरण से स्पष्ट है कि दशमलव संख्या प्रणाली में स्थानीय मान दायीं ओर से बायीं ओर 10 के घात के रूप में बढ़ते जाते हैं ।
इसी प्रकार दशमलव बिन्दु के दाई ओर स्थानीय में 10 की घातों के रूप में ही घटते जाते हैं । जैसे – 1/10, 1/100, 1/1000, 1/10000 आदि । किसी भी संख्या के वास्तविक मान का पता करने के लिये उसके प्रत्येक अंक के मुख्य मान को उसके स्थानीय मान से गुणा करते हैं और उन्हें जोड़ लेते हैं ।
ऑक्टल या अष्ट –आधारी संख्या प्रणाली(Octal Number System)-
Octal Number System प्रणाली में 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 इन आठ अंको का उपयोग किया जाता है । आठ अंको का प्रयोग होने के कारण ही इसका आधार आठ होता है । इन अंको के मुख्य मान दशमलव संख्या प्रणाली की तरह ही होते है । ऑक्टल संख्या प्रणाली में किसी भी बाइनरी संख्या को छोटे रूप में लिख सकते है । इसलिये ऑक्टल संख्या प्रणाली का उपयोग सुविधाजनक होता है ।
ऑक्टल संख्या प्रणाली का उपयोग मुख्यत: माइक्रो कम्प्यूटर में किया जाता है ।आधार आठ होने के कारण ऑक्टल संख्या प्रणाली में अंको के स्थानीय मान दायीं ओर से बायीं ओर क्रमश: आठ गुने होते जाते हैं, अर्थात् 1, 8, 64, 512 आदि ।
ऑक्टल संख्या का उदाहरण – (144) 8
Note – कोई संख्या बाइनरी में है अथवा डेसिमल में या ऑक्टल में लिखी गयी है इसे प्रदर्शित करने के लिये संख्या को कोष्ठक में लिखकर उसके दाई ओर नीचे उस संख्या का आधार लिख दिया जाता है । जिसे हम पहचान लेते हैं कि वह संख्या किस System के अंतर्गत लिखी गयी है ।
बाइनरी संख्या प्रणाली (101) 2
दशमलव संख्या प्रणाली (100) 10
ऑक्टल संख्या प्रणाली (144) 8 आदि ।
हेक्सा-डेसीमल या षट्दशमिक संख्या प्रणाली (Hexa-decimal Number System) –
हेक्सा-डेसीमल या षट्दशमिक संख्या प्रणाली जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है कि हेक्सा-डेसीमल दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है । हेक्सा + डेसीमल हेक्सा का तात्पर्य छ: तथा डेसीमल से तात्पर्य दस से होता है । अत: इस संख्या प्रणाली में कुल 16 अंको होते हैं । जो निम्न प्रकार से है 0,1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, A, B, C, D, E, F. हेक्सा-डेसीमल संख्या प्रणाली में अंको के स्थानीय मान दायीं ओर से बायीं ओर 16 के गुणको में बढ़ते जाते हैं ।
हेक्सा-डेसीमल का उदाहरण – (F6A4) 16
Compter Language कितने प्रकार की होती हैं ?
Computer Memory क्या है प्रकार ?
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Data Representation in Hindi / डाटा रिप्रजेंटेशन क्या है?
आज के इस पोस्ट में हम आपको डाटा रिप्रजेंटेशन के बारें में विस्तार से बताएँगे. इसके साथ डाटा प्रोसेसिंग, डाटा, डाटा मापने की इकाई, डाटा स्टोरेज स्टेज इत्यादि को विस्तार से बताएँगे. डाटा रिप्रजेंटेशन के बारें में पूरी जानकरी के लिए पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें.
डाटा रिप्रजेंटेशन क्या है? – Data Representation in Hindi
Data representation का अर्थ हैं कैसे हम किसी डाटा को represent करते हैं अर्थात् कैसे किसी डाटा को दर्शाते हैं, यहां पर डाटा representation दो शब्दों से मिलकर बना हैं डाटा+representation, यहां डाटा का मतलब हैं information से या कहें तो fact से, डाटा किसी भी form में हो सकता हैं जैसे audio, video, pictures, gif etc. और इन्हीं डाटा को किस तरह से represent किया जाए, ये डाटा का representation कहलाता हैं।
Computer में सभी डाटा मतलब audio, video, pictures ये सभी बाइनरी के फॉर्म में स्टोर किए जाते हैं computer में होने वाले इसी प्रोसेस को data representation कहते हैं।
डाटा क्या हैं ?
डाटा एक raw fact होता हैं जो अपने raw form में किसी काम का नहीं होता है. लेकिन उसी data को जब हम process और interpret करते हैं तब जाकर उनका सही मतलब सामने आता है, और जो की हमारे लिए बहुत उपयोगी होते हैं. इन्ही processed data को Information भी कहा जाता है. इसी information को computer में audio, video, pictures, MP3 के फॉर्म में save किया जाता है। जिसे हम डाटा कहते हैं।
- डाटा मापने की इकाई
Computer में कितना डाटा रख सकते है, उसे मापने के लिए कुछ स्टैंडर्ड का उपयोग करते हैं। डाटा को अलग अलग तरीके से मापा जा सकता हैं अर्थात् उसकी कैपेसिटी और space के हिसाब से उसे मापा जाता हैं जिसे लिए कुछ यूनिट्स use किए जाते हैं जैसे –
Bit यानी ‘Binary Digit’, यह मापन की सबसे छोटी इकाई हैं इसमें एक बिट की वैल्यू केवल एक ही बाइनरी डिजिट हो सकती हैं चाहे वो 0 हो या 1. अर्थात् 1 bit = binary digit (0,1), इस तरह से कंप्यूटर में जितना अक्षर लिखेंगे उतना बीट का जगह मेमोरी में लेगा. एक Bit का सिर्फ एक ही मान हो सकता है। कंप्यूटर बाइनरी कोड्स की ही भाषा को समझता है। इन बाइनरी कोड्स को ही Bit कहा जाता है।
बिट दो तरह से ही जानकारी को सेव कर सकती है जैसे – On Or Off (0 Or 1) कंप्यूटर की सभी बड़ी से बड़ी और छोटी Activities बिट के द्वारा ही संपन्न होती है। Bit को English के Small Letter ‘b’ से दर्शाया जाता है।
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यह मापन की दूसरी सबसे छोटी इकाई हैं। यहां 4 bit = 1 nibble होता हैं अर्थात् 1 nibble की value 4 bit होती है।
ये 8 बिट मैमोरी से मिलकर बनता हैं अर्थात् 8bit = 1byte, मतलब 1byte 2 nibble से मिलकर बना हैं। ये एक स्टैंडर्ड unit होती हैं मैमोरी की। अर्थात् कोई भी डाटा स्टोर करते हैं तो कम से कम 1 बाइट का स्पेस occupy करता ही हैं। बाइट information की 256 स्टेटस को स्टोर कर सकती हैं। computer में बाइट, बिट से आगे की इकाई हैं एक ‘B’ को हमेशा बाइट कहा जाता हैं। और स्मॉल ‘b’ का मतलब bit होता हैं।
यह 1024 बाइट से मिलकर किलोबाइट बनता हैं। Kilobytes को अक्सर इस्तमाल किया जाता है छोटे files के size को measure करने के लिए. उदाहरण के लिए, एक plain text document में होते हैं 10 KB की data और इसलिए इसकी एक file size होती है करीब 10 kilobytes की जितनी. यह माप अक्सर मेमोरी क्षमता और डिस्क स्टोरेज का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
यहा megabytes का मतलब हैं 1024 KB अर्थात् 1024 kb मिलकर मेगाबाइट बनता है ,
Mb के पास KB के मुकाबले डाटा स्टोर करने की कैपेसिटी ज्यादा होती है। Megabyte का उपयोग अक्सर बड़ी फ़ाइलों के आकार को मापने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक High Resolution वाली JPEG इमेज फ़ाइल एक से पांच मेगाबाइट तक की हो सकती है।
एक डिजिटल कैमरे से Uncompressed raw images को 10 से 50 एमबी डिस्क स्थान की आवश्यकता हो सकती है। एक Compressed format में सहेजा गया तीन मिनट का गीत आकार में लगभग तीन मेगाबाइट हो सकता है, मीडिया के अधिकांश अन्य रूपों की क्षमता, जैसे फ्लैश ड्राइव और हार्ड ड्राइव , को आमतौर पर गीगाबाइट या टेराबाइट्स में मापा जाता है।
यह 1024 मेगा बाइट मिलकर 1 गीगाबाइट होता है. यह MB के मुकाबले GB का साइज बड़ा होता है। 1 GB 1024 MB के बराबर होता है। इसमें बड़ी फाइल्स कि स्टोरेज आ जाती हैं। अगर 1 जीबी की क्षमता की बात करें तो 230 Mp3 Songs को Store किया जा सकता है।
Terra byte (TB)
यह 1024 गीगाबाइट मिलकर एक टेराबाइट होता है.TB full form Terabyte होता है। Terabyte GB का के मुकाबले ज्यादा बड़ा होता है। बता दूं कि 1TB, 1024 GB से मिलकर बना होता है। इसमें बहुत सारा डाटा को स्टोर करने की क्षमता होती है।
Petabyte (PB )
यह 1024 TB मिलकर एक Peta byte होता है. PB full form Petabyte होता है। 1024 TB और 1000000 GB के बराबर एक Petabyte होता है. इसका मतलब कि एक Petabyte 1024 TB से मिलकर बना हुआ होता है। लेकिन बता दू कि अभी तक इतनी बड़ी मात्रा में कोई भी device उपलब्ध नहीं है।
Exabyte (EB)
यह 1024 PB मिलकर एक EXA BYTE होता है. यह बहुत बड़ी स्टोरेज यूनिट हैं इसमें बहुत अधिक मात्रा में डाटा स्टोर करके रखा जा सकता है या कहा जाए तो 5 Exabyte में हम पूरी मानव जाति द्वारा बोले गए सभी शब्दों को स्टोर कर सकते है।
Zettabyte (ZB)
Zetta Byte (ZB) यह 1024 EB मिलकर एक ZETTA BYTE होता है. 1024 EB = 1 ZB इसकी तुलना हम किसी से नहीं कर सकते क्योंकि ये बहुत ही ज्यादा बड़ा स्टोरेज प्रोवाइड कराता हैं।
Yettabyte (YB )
यह 1024 ZB मिलकर एक Yetta Byte होता है.1024 ZB =1 YB.
इनफार्मेशन क्या हैं? (Information kya hai)
किसी को कोई जानकारी बताना या सुनाना, या किसी माध्यम से उसके पास पहुँचाना ही Information कहलाता है।information एक बहुत ही जरूरी यूनिट होता हैं, किसी भी चीज की information के जरिए हम उसके बारे में जान पाते हैं और बेहतर जानकारी के लिए हम और भी information इकट्ठा करते हैं ताकि उसकी पूरी जानकारी हो सकें।Information एक प्रकार का डेटा होता है। जिसे हमारे द्वारा समझने में और उपयोग करने के अनुरूप बनाया जाता है। information के जरिए हम किसी काम को कैसे करना हैं उसकी जानकारी ले सकते हैं।
- कई महान व्यक्तियों ने Information को अलग-अलग प्रकार से व्यक्त किया।
- एन बैल्किन के अनुसार — Information उसे कहा जाता हैं, जिसमें आकार को परिवर्तित करने की क्षमता होती है।
- हाफमैन ने कहा — Information वक्तव्यों, तथ्यों अथवा आकृतियों का संकलन होती है।
- जे बीकर का मानना है। – किसी विषय से सम्बंधित तथ्यों को ही Information कहते हैं।
Information की जरूरत सभी काम को बेहतर बनाने के लिए होती हैं। जब तक हमे इन्फोर्मेशन नही होगी हम किसी काम को proper नही कर सकतें। जैसे – हमने स्टूडेंट्स से कहा की project बनाना है तो जब तक हम उनको information नहीं देंगे की कैसे बनाना है क्या बनाना हैं. तो students कैसे बनाएंगे बिना किसी information के।
डाटाबेस क्या है? (Database)
Database एक ऐसा स्थान है जहां पर data को स्टोर करके रखा जाता हैं ताकि डाटा सुरक्षित रहें और कोई भी बाहरी लोग उसे ऐक्सेस ना कर पाए। तथा हमे जब भी जरूरत हो database से अपना data ले सकें, डाटाबेस में डाटा टेबल के फॉर्म में रखा जाता हैं। आजकल बहुत बड़े डाटा में काम होता हैं जैसे किसी बड़ी कंपनी में हजारों employs होते हैं उन सभी का डाटा अगर हमको manage करना हैं तो उसे database में स्टोर करके रख दीया जाता हैं और easily जब जरूरत हो ऐक्सेस कर लिया जाता हैं।
ठीक इसी तरह ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसे Flipkart, Amazon आदि की हम बात करें तो वहां पर भी इसका उपयोग होता है। कस्टमर की जानकारी, product detail से लेकर हर एक जानकारी डेटाबेस में ही stored रहते हैं।
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- डाटा को कैसे स्टोर करते हैं?
Data को सुरक्षित रखने के लिए हमें उसे स्टोर करना होता है. डाटा को स्टोर करने के लिए जरुरत पड़ती है स्टोरेज की. जब हम डाटा को स्टोर करके रखते हैं तो उसे आवश्यकतानुसार कभी भी उपयोग में ला सकते हैं. Physical World में डाटा को कागजों में लिखकर उसकी एक फाइल बनाकर स्टोर किया जाता है।
आज का युग Digital Marketing युग है, इसलिए अब डाटा को कागजों में स्टोर करने के बजाय कंप्यूटर के माध्यम से डाटाबेस में स्टोर किया जाता है. ताकि हम इसे कही से भी और कभी भी ऐक्सेस कर सकें।
इस Digital दुनिया में हम डाटा को 2 प्रकार से स्टोर कर सकते हैं।
- Temporary Storage
- Permanent Storage
#1 – Temporary Storage (अस्थायी भंडारण)
Temporary Storage में डाटा को Temporary रूप से RAM में स्टोर किया जाता है. इसमें Data Temporary रूप से स्टोर होता है. जब तक कंप्यूटर को Power Supply मिलती है तो RAM में डाटा Temporary रूप से स्टोर होता है. Power Supply बंद होने पर RAM में स्टोर डाटा भी Delete हो जाता है. जब भी हम Current Time में कंप्यूटर में कोई कार्य करते हैं तो उसका डाटा RAM में स्टोर रहता है.
#2 – Permanent Storage (स्थायी भंडारण)
Permanent Storage में डाटा को हमेशा के लिए स्टोर किया जाता है. डाटा को Permanent स्टोर करने के लिए हार्ड डिस्क ड्राइव, SSD आदि के इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा कुछ External Device जैसे कि पैन ड्राइव, मेमोरी कार्ड आदि में भी डाटा को Permanent Store किया जाता है.
अगर आपके पास कोई महत्वपूर्ण डाटा है तो आप उसे Permanent Store कर सकते हैं ताकि जब आपको जरूरत पड़े तो आप उस डाटा को Access कर सकें.
डाटा कितने प्रकार के होते है? (Data Types)
डाटा अलग अलग प्रकार के होते हैं जैसे audio, video, pictures, gif आदि
- Alphabetic data (अक्षरात्मक डाटा) – ये डाटा alphabets (अक्षर) में होते हैं। ये अक्षरों के समूह से बनते हैं। इसमें सिर्फ alphabets होते हैं numbers नहीं होते। जैसे – A,B,C,D आदि।
- Numeric data (संख्यात्मक डाटा) – ये डाटा numbers में होता हैं अर्थात् ये numerical (संख्यात्मक ) होता हैं । जैसे – 1,2,3,4 आदि।
- Video data (विडियो डाटा)- ये डाटा वीडियो फॉर्म में होता हैं अर्थता ये वीडियो वाले डाटा होते हैं, जैसे की video clip, movie आदि।
- Alpha numeric data (चिन्हात्मक डाटा) – इसमें डाटा special characters के रूप में होता हैं। उसे चिन्हात्मक डाटा कहते हैं, जैसे- @,#,$ आदि।
- Graphical data (ग्राफिकल डाटा)- ये डाटा ग्राफिकल रूप में होता हैं. इसमें ग्राफिक्स उपयोग किए जाते हैं इसलिए इसे ग्राफिकल data कहते हैं, जैसे – image, pictures आदि।
- Sound data (ध्वनि डाटा) – ये डाटा ध्वनि के रूप में होता है. इसे ध्वनि डाटा कहते है। जैसे – गाने, ऑडियो आदि।
डाटा प्रोसेसिंग क्या हैं ? (Data Processing)
Data processing एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमे raw डाटा को check किया जाता हैं ताकि वह आगे प्रोसेस की जा सके या आगे जिसको उसकी जरूरत हैं वह उसे उपयोग कर सके data के रुप में। ये process डाटा साइंटिस्ट लोग करते हैं, जिससे डाटा की सही तरीके से जांच की जा सके। डाटा scientist एक्सपर्ट होते हैं जिससे कोई गलती ना हों,ताकि आगे प्रोसेसिंग में दिक्कत ना आए। इसी प्रोसेस को हम डाटा प्रोसेसिंग कहते हैं।
डाटा को Process करने के लिए सबसे पहले हम किसी भी Data को Collect करते हैं Filter करते हैं तथा उसे Short भी करते हैं उसके बाद उस data का प्रोसेस करते हैं और इसके बाद उस डाटा को स्टोर किया जाता है।
डाटा प्रोसेसिंग के स्टेज (Stage)
डाटा प्रोसेसिंग पहले manual तरीके से किया जाता था जिससे बहुत अधिक टाइम लग जाया करता था तथा errors की संभावना रहती थी और समय भी अधिक लगता था। लेकिन अब ये काम computer automated तरीको का use किया जा रहा हैं जिसमें data processing बहुत फास्ट होता हैं तथा errors की संभावना भी कम हो जाती हैं। डाटा प्रोसेसिंग निम्न stages में किया जाता हैं –
- Data collection
Preparation
Data collection.
डाटा कलेक्शन Data Processing करने की सबसे पहली प्रक्रिया है इसमें हम अपने Raw Data को अलग-अलग माध्यम से Collect करते हैं और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि Data सही और विश्वसनीय है या नही। और जब चेक कर लेते हैं तो आगे प्रोसेस में डाल देते हैं।
डाटा Preparation को हम Data Cleaning भी कहते हैं इस Process में हम अपने Raw Data को Short करते हैं जिससे उसमे जो unnecessary data होता हैं उसे remove कर देते हैं तथा उसे Filter करते हैं और फिर हमारा यह Data अगले Step के लिए तैयार हो जाता है।
इस प्रक्रिया में हम Filter किए गए Data को Computer के अंदर मशीनी भाषा में Enter करते हैं यानी इस Data को Processing करने वाले Program के अनुसार तैयार करते हैं ताकि यह Processing के लिए आसानी से तैयार हो सके और Data Processing करने में काफी आसानी हो।
इस Step में सबसे पहले Input किये गए Data की जांच की जाती है और डाटा को अर्धपूर्ण जानकारी के लिए तैयार किया जाता है। इसमें Data Processing के लिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिथम का Use किया गया है जिससे हमें एक अच्छा Output मिल सके।
इस Step में Process किए गए Data का परिणाम हमें प्राप्त होता है यानी Process किए गए Raw Data की अर्धपूर्ण जानकारी हमें दिखाई देती है। इस Output को User अलग-अलग फॉर्मेट में ( जैसे Graph, Table, Audio, Video, Document आदि) के रूप में देख सकता है।
ये डाटा प्रोसेसिंग का सबसे last stage है यहां पर हम प्रोसेस किए डाटा को अपने future use के लिए स्टोर करके रखते हैं। यहां ये डाटा safely store रहता है ताकि हमें जब भी जरूरत हैं इसे use कर सकते हैं।
डाटा प्रोसेसिंग के क्या विधि है? (Data Processing Method)
data processing निम्न तरीकों से किया जा सकता हैं .
Manual data processing
Mechanical data processing, batch processing, real time processing, data mining.
Manual डाटा प्रोसेसिंग एक ऐसी प्रोसेसिंग तकनीक हैं जिसमे डाटा मैनुअली प्रोसेस होता हैं यहां किसी भी tools या डिवाइस से नहीं की जाती बल्कि यहां डाटा प्रोसेसिंग कुछ software की मदद से की जाती हैं जैसे calculations, logical operations के हेल्प से डाटा प्रोसेसिंग की जाती हैं।
Mechanical डाटा प्रोसेसिंग में डाटा को मैकेनिकल device की मदद से प्रोसेस किया जाता हैं जैसे type writer, प्रिंटर आदि से। ये काफी fast होता हैं जिससे समय की बचत होती हैं और accurate डाटा मिल जाता हैं।
बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing) में डाटा एक निश्चित समयावधि में संकलित (Collected) किया जाता है और इस डाटा पर प्रक्रिया बाद में एक बार में होती है, यह डाटा प्रोसेसिंग की बहुत पुरानी विधि हैं। जिससे बहुत कम समय में बहुत सारे डाटा में काम हो जाता हैं। बैच प्रोसेसिंग सिस्टम में प्रत्येक user अपना प्रोग्राम ऑफ-लाइन में तैयार करता है और फिर उसे कम्प्यूटर सेंटर को दे देता है।
Real time processing का उपयोग तब किया जाता है जब हमे रिजल्ट तुरंत चाहिए होता हैं, यह प्रोसेस बहुत जल्दी रिजल्ट देता हैं तथा कोई काम को continue चल रहा हो उसके लिए इस प्रकार के system का use किया जाता हैं।
ये एक ऐसा प्रोसेस हैं जिसमे डाटा को माइनिंग किया जाता हैं अर्थात् डाटा को खोज करके निकाला जाता हैं, जिससे आगे उसको प्रोसेस किया जा सके। और डाटा को filter करके निकाला जा सके। यह एक बहुत ही important पार्ट होता हैं डाटा प्रोसेसिंग का।
- कंप्यूटर नंबर सिस्टम क्या है – हिन्दी नो ट्स
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कंप्यूटर में डाटा प्रेजेंटेशन क्या है?
कंप्यूटर में डाटा प्रेजेंटेशन डाटा को रिप्रेजेंट करने का एक तरीका है. जिसमे डाटा को प्रस्तुत किया जाता है. डाटा को ग्राफ, इमेज या विसुअल रूप में दिखाना ही डाटा का प्रेजेंटेशन है.
डाटा कितने प्रकार के होते हैं?
डाटा 6 प्रकार के होते है. डाटा अलग अलग प्रकार के होते हैं जैसे audio, video, pictures, gif आदि Alphabetic data (अक्षरात्मक डाटा) जैसे – A, B, C, D आदि। Numeric data (संख्यात्मक डाटा) – जैसे – 1,2,3,4 आदि। Video data (विडियो डाटा)- जैसे की video clip, movie आदि। Alpha numeric data (चिन्हात्मक डाटा) – जैसे- @,#,$ आदि। Graphical data (ग्राफिकल डाटा)- जैसे – image, pictures आदि। Sound data (ध्वनि डाटा) – जैसे – गाने, ऑडियो आदि।
- डाटा क्या हैं?
इनफार्मेशन के समूह को डाटा कहा जाता है जो एक रॉ फैक्ट होता है. डाटा को प्रोसेस करके इन्टरप्रेट करने पर उसका अर्थ पता चलता है.
डेटा प्रतिनिधित्व में कितने नंबर सिस्टम का उपयोग किया जाता है?
डेटा प्रतिनिधित्व के लिए बाइनरी नंबर सिस्टम का उपयोग किया जाता है. बाइनरी नंबर सिस्टम का बेस 2 होता है. इसमें डाटा को रिप्रेजेंट करने के लिए (01) का उपयोग किया जाता है.
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Representation of data In Hindi
Representation of data, data (डेटा).
यह किसी भी तथ्य (data) हो सकता है जैसे – वस्तु का नाम , स्थान , गुण , आदि । किसी सूचना को प्राप्त करने के लिए हम data को एकत्र करते है data सूचनाओं , तथ्य तथा आंकड़ों का संग्रह होता है जो व्यवस्थित ओर अव्यवस्थित दोनों तरीकों को एकत्र किया जा सकता है । data को computer के द्वारा process करके जरूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।
Data का मतलब है तथ्य , तथ्य इनमे से कुछ भी हो सकता है नंबर , नाम , और symbol. इन तथ्यों को एक जुट करके analysis करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. Data कोई Text, Picture, Sound में से कुछ भी हो सकता है . डाटा को निचे दिए गए Character से Represent किया जाता है . Number – 123, 23.40, 606, 1000, 121.50, 3111.50. Symbols – @, #, %, *, $. Character -A, B, C, D, e, f, g, h, i String – Praveen, Karan , naira, dharmendra, Rahul .
Data representation (डेटा रिप्रजेंटेशन )
Computer , data के बनाने के लिए बाइनरी भाषा का प्रयोग करता है ये बाइनरी भाषा 0, 1 से मिलकर बनी होती है हम जो भी computer को जो भी data input करते है या जो computer से output प्राप्त करते है वह अक्षर , संख्या , सकेत , ध्वनि , या वीडियो के रूप में होता है इन सभी डेटा को पहले बाइनरी भाषा मे बदलना पड़ता है इस process को data representation कहते है।
बेसिक डेटा टाइप्स ( basic data types )
हम जिस प्रकार के data की processing करते है वह अपने स्वरूप ओर उपयोग के अनुसार कई प्रकार का हो सकता है data type एक शब्द है जिसका उपयोग data के प्रकार को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है data के कुछ मुख्य type निम्न है।
Integer data type
Integer data type का प्रयोग हम किसी whole number ( जो दशमलव संख्या नहीं है) को store करने के लिए करते है integer data type में 2 बाइट space होता है इसकी range – 32678 से + 32767 तक होती है
Character data type
इस data type का प्रयोग alphanumeric character को store करने के लिए करते है यदि character को character variable में store किया गया है इसका मान उस character के ASCII code के बराबर होगा । यह मैमोरी में संग्रहित (save ) होने के लिए केवल 1 बाइट लेता है इस data type की range -128 से + 127 तक होती है
Float data type
इस data type का उपयोग हम किसी भी दशमलव वाली संख्या को store करने के लिए करते है
Float data type मैमोरी में 4 बाईट space लेता है यह data दूरी , क्षेत्रफल तथा तापमान इत्यादि के लिए प्रयोग होता है ।
Double data type
इस data type का प्रयोग double precision फ्लोटिंग point number के लिए किया जाता है यह float data type की तरह ही है लेकिन यह 8 बाइट का प्रयोग करता है
Void data type
यह Null value के लिए प्रयोग होता है । इसे function के साथ भी उपयोग किया जाता है । यदि function कोई value return नहीं करता है तो आप उसका return type void डिक्लेयर करते हैं।
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- Post Graduate
भूगोल प्रयोगात्मक
Table of contents, आंकड़ों का ग्राफीकल प्रदर्शन (graphical representation of data).
जब आंकड़ों (Data) को रेखा चित्रों की सहायता से प्रदर्शित किया जाता है तो इसे आंकड़ों का ग्राफीय प्रदर्शन (Graphical Representation of Data) कहते है। आंकड़ों को प्रदर्शित करने के लिए कई विधियों का उपयोग किया जाता है जिनमे से कुछ महत्वपूर्ण विधियां इस प्रकार हैं दंड आरेख, वृत्त चित्र, दंडाकृति, आवृत्ति बहुभुज, आवृत्ति चक्र, संचयी आवृत्ति वक्र इत्यादि।
1. दंड आरेख (Bar Diagram) -
दंड आरेख को स्तंभ रेखाचित्र भी कहते हैं। इसमें भिन्न-भिन्न मूल्यों को ऊर्ध्वाधर या क्षैतिज स्तंभों के द्वारा तुलनात्मक रूप प्रदर्शित किया जाता है। दंड आरेख भिन्न भिन्न प्रकार के हो सकते हैं जैसे दंड आरेख (Simple Bar Diagram), मिश्रित दंड आरेख (Compound Bar Diagram), बहुदंड आरेख (Multiple Bar Diagram) द्विदिशा दंड आरेख (Duo – Bar Diagram) ।
(i) सरल दंड आरेख (Simple Bar Diagram) – सरल दंड आरेख के द्वारा तालिका में दिए गए मूल्यों के किसी एक गुण को प्रदर्शित किया जाता है।
(ii) मिश्रित दंड आरेख (Compound Bar Diagram) – मिश्रित दंड आरेख के द्वारा आंकड़ों के कुल योग तथा उनके विभिन्न भागों को प्रदर्शित किया जाता है। इसमें एक ही स्तंभ को कई उप विभागों में बांट कर आंकड़ों को प्रदर्शित किया जाता है।
(iii) बहुदंड आरेख (Multiple Bar Diagram) – जब तालिका में किसी स्थान या समय में एक साथ कई वस्तुओं के आकड़े दे दिए गए हो, तो इनको बहुदंड आरेख द्वारा प्रस्तुत करते है। इसमे एक ही समय या स्थान के आकड़ों को एक दूसरे से सटाकर स्तम्भ बनाते हैं, फिर थोड़ा रिक्त स्थान छोड़कर दूसरे समय के आकड़ों को प्रदर्शित करते है।
(iv) द्विदिशा दंड आरेख (Duo Bar Diagram) – जब तालिका में धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों प्रकार के आंकड़े हो तो उन्हें द्विदिशा दंड आरेख के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है | आरेखो में आधार रेखा के ऊपर धनात्मक स्तंभ और नीचे ऋणात्मक स्तंभ को प्रदर्शित किया जाता हैं।
2. पिरामिड आरेख (Pyramid Diagram) -
इन आरेखों की आकृति पिरामिड के समान होती है इस कारण से इन्हें पिरामिड आरेख कहा जाता है इसमें स्त्री एवं पुरुष के विभिन्न आयु वर्गों को एक साथ दिखाया जाता है। प्रायः इसमें जनसंख्या, साक्षरता इत्यादि के आंकड़े प्रदर्शित किये जाते हैं।
3. द्वविम आरेख (Two Dimensional Diagrams) -
इन आरेखों में स्तंभों, वृतों या वृत्त खंडों के क्षेत्रफल दिए हुए मूल्यों के अनुपात में होते हैं। अतः विम आरेख को कभी-कभी क्षेत्रफल आरेख (area diagram) भी कहा जाता है । जैसे –
(i) वर्गाकार और आयताकार आरेख (Square and Rectangular Diagram) – इसमें वर्ग या आयत के रूप में क्षेत्रफल दिखाया जाता है |
(ii) चक्र या वृता आरेख (Wheel Or Pie Diagram) – इसमें क्षेत्रफल को वृत्त के रूप में दिखाया जाता है ।
(iii) वलय आरेख (Ring Diagram) – तालिका में दिए गए मूल्यों को अलग-अलग वृत्तों के द्वारा प्रकट किया जाता है।
4. त्रिविम आरेख (Three Dimensional Diagram) -
इसमें लम्बाई, चौड़ाई व ऊँचाई तीनों विस्तारों का प्रयोग होता है।
(i) गोलीय आरेख (Spherical Diagram) – इस आरेख में आंकड़ों को वृत्त के बजाय गोले के रूप में दिखाया जाता है।
(ii) घनारेख (Cube Diagram) – इन आरेख में दिए गए मूल्यों को घनों के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
आलेख निरूपण (Graphical Representation)
सांख्यिकी आंकड़ों का नियमित वक्र या वक्रों के द्वारा प्रदर्शन, आलेख निरूपण (Graphical Representation) कहलाता है। इसमें वक्र को X तथा Y निर्देशाकों की सहायता से विभिन्न बिन्दुओं को आपस में मिलाकर बनाते है।
1. साधारण रैखिक आलेख (Simple Linear Graph) -
इस आलेख के द्वारा दिए हुए क्षेत्र या स्थान के किसी एक तथ्य जैसे तापमान, वर्षा, वायुदाब, जनसंख्या आदि के आंकड़ों के कालिक परिवर्तनों (Chronological Changes ) या उतार-चढ़ाव को प्रदर्शित किया जाता है।
2. बहु रैखिक आलेख (Poly Linear Graph)-
इनमें दो या दो से अधिक वक्रों को लिया जाता है, जिसमें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों या समय के तथ्यों के परिवर्तनों को प्रदर्शित किया जाता हैं।
3. पट्टिका ग्राफ (Band Graph) -
पट्टिका ग्राफ को मिश्रित रेखा आलेख भी करते हैं। इस आलेख के द्वारा काल श्रेणी पर आधारित आंकड़ों के विभिन्न उप विभागों के उनके योग को प्रदर्शित करते हैं।
4. अर्गोग्राफ (Ergograph) -
इसको आरेखी ( Diagram) एवं आलेखी (Graphical) विधियों को मिलाकर बनाया जाता है। जिसमें किसी क्षेत्र की फसलों के क्षेत्रफल एवं बुआई काल (Growing Season) का उस क्षेत्र की जलवायु से संबंध प्रदर्शित किया जाता है।
5. क्लाइमेटोग्राफ (Climatograph) -
यह किसी स्थान के औसत मासिक आर्द्र बल्ब तापमान (Wet-Bulb Temperature) एवं आपेक्षिक आद्रता (Relative Humidity) के आंकड़ों को ग्राफ पेपर पर एक दूसरे के सामने अंकित करके बनाया जाता हैं।
6. हीदरग्राफ (Hythergraph) -
यह एक विशेष प्रकार का क्लाइमोग्राफ है, जिसमें औसत मासिक तापमान व औसत वार्षिक वर्षा के मूल्यों को दिखाया जाता है।
वितरण (Distribution)
जब आंकड़ों को किसी मानचित्र के ऊपर प्रदर्शित किया जाता है, तो इसे सांख्यिकीय वितरण मानचित्र कहते हैं। इसमें सांख्यिकीय आंकड़ों को विभिन्न रंगों या छायों (Shading) के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता हैं। जैसे वर्णमात्री विधि (Choropleth Method), सममान रेखा विधि (Isopleth Method), बिंदु विधि (Dot Method) इत्यादि।
1. वर्णमात्री विधि ( Choropleth Method) -
सांख्यिकी आंकड़ों को प्रशासनिक इकाइयों जैसे – राज्य, जिला, तहसील इत्यादि स्तरों पर पर दिखाया जाता है, तो इसे वर्णमात्री मानचित्र (Choropleth Map) कहते हैं।
2. इसोप्लेथ विधि (Isopleth Method) -
मानचित्र पर किसी वस्तु के समान मूल्य या घनत्व वाले स्थानों को मिलाकर बनाया जाता है तो ऐसे मानचित्र को इसोप्लेथ मानचित्र (Isopleth Map) कहते हैं।
3. बिंदु विधि (Dot method) -
किसी वस्तु के वितरण के घनत्व को समान आकार व आकृति वाले बिंदुओं के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तो इस विधि को बिंदु विधि कहते हैं। जैसे एक बिंदु बराबर 5000 व्यक्ति इत्यादि।
संभावित प्रश्न
प्र - निम्नलिखित तालिका में दिए गए जनसंख्या के वितरण को बिंदु विधि (dot method) या उसके घनत्व को वर्णमात्रि विधि (choropleth method) द्वारा प्रदर्शित करें।.
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Computer and IT नोट्स हिंदी में
What is representation of data in hindi-डाटा का रिप्रजेंटेशन क्या है?
हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में आपको representation of data in hindi के बारे में बताया गया है की इसे कैसे प्रयोग करते है तो चलिए शुरू करते है
डाटा का रिप्रजेंटेशन(representation of data)
Database management system- DBMS में डाटा को स्कीमाज(schemas), tables,rows अथवा रिकॉर्ड(records) और columns के रूप में represent किया जाता है एक डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम(DBMS) में अनेक स्कीमाज(schemas) हो सकता है एक स्कीमा में अनेक tables हो सकते हैं एक टेबल में अनेक records अथवा rows हो सकते हैं और एक रिकॉर्ड/rows में अनेक column हो सकते हैं
यदि ये tables एक दूसरे से संबंधित होती हैं तो यह रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम(dbms) का निर्माण करती है field, records ,table को समझने के लिए हम निम्नलिखित तालिका का अध्ययन करते है
ऊपर दीजिए गए तालिका में name ,physics फिजिक्स,chemistry केमिस्ट्री, मैथ(math)….. आदि सभी फील्ड(fields) के नाम है प्रत्येक रोज एक रिकॉर्ड है तथा तालिका ही टेबल है
अतः हमें इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि फील्ड किसी टेबल की सबसे छोटी इकाई होती है रिकॉर्ड्स किसी एक प्रविष्टि के बारे में जानकारी उपलब्ध कराता है यह जानकारी विभिन्न fields से बनी होती है तथा टेबल अथवा फाइल विभिन्न रिकॉर्ड्स का समूह का होता है
reference- https://www.tutorialspoint.com/computer_concepts/computer_concepts_representation_data_information.htm
निवेदन:- आप सभी छात्र –छात्रों से निवेदन है की अगर आपको ये Topic(representation of data in hindi) अच्छा लगा हो तो कृपया आप इस वेबसाइट के बारे में अपने दोस्तों को जरुर बताये अगर कोई topic(representation of data in hindi) से संबधित प्रश्न हो तो कमेंट्स(comments) आपके लिए ही बना है और किसी Subject() के लेकर भी कोई प्रश्न हो तो कमेंट करे
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Contents. 1 Introduction -. 1.1 Definition of Data Representation -; 2 एनालॉग क्रियाएँ (Analog Operation) -; 3 बाइनरी या द्वि-आधारी संख्या प्रणाली (Binary Number System) -; 4 दशमलव या दाशमिक संख्या प्रणाली(Decimal Number System)-
Data Representation in Hindi : Data representation का अर्थ हैं कैसे हम किसी डाटा को represent करते हैं अर्थात् कैसे किसी डाटा को दर्शाते हैं, यहां पर डाटा representation दो शब्दों से मिलकर बना हैं ...
Representation of data In Hindi. August 3, 2019 by Neeraj joshi. Representation of data DATA (डेटा) यह किसी भी तथ्य (data) हो सकता है जैसे - वस्तु का नाम , स्थान , गुण , आदि । किसी सूचना को प्राप्त ...
data reperesentation का परिचय. information को विभिन्न रूपों जैसे की text,numbers ,images ,audio,video में आता है. text. data communication में text कोएक bit pattern ,जोकि bits(0s अथवा 1s) की एक sequence होती है जो की रूप में represent किया ...
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Database management system-DBMS में डाटा को स्कीमाज(schemas), (tables)टेबल्स,rows रोज अथवा रिकॉर्ड(records representation of data in hindi
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Representation of Data (in Hindi) Lesson 7 of 14 • 4 upvotes • 8:07mins. Jyoti Garg. In this lesson we have discussed about Representation of data. Continue on app (Hindi) Data Interpretation and Graphical Representation : NTA-UGC NET. 14 lessons • 2h 3m . 1. Overview (in Hindi) 3:23mins. 2.