महात्मा गांधी पर निबंध – Essay On Mahatma Gandhi In Hindi
Essay On Mahatma Gandhi In Hindi : दोस्तो आज हमने महात्मा गांधी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।
इस लेख के माध्यम से हमने एक Mahatma Gandhi जी के जीवन का और उनके आंदोलनों वर्णन किया है इस निबंध की सहायता से हम भारत के सभी लोगों को हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और उनके विचारों के बारे में बताएंगे।
Short Essay On Mahatma Gandhi In Hindi
महात्मा गांधी हमारे देश के राष्ट्रपिता माने जाते हैं उन्हें बच्चा-बच्चा बापू के नाम से भी जानता है। Mahatma Gandh i ने हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों से इन अहिंसा पूर्वक की लड़ाई लड़ी थी।
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनचंद करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
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महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के ही एक स्कूल में हुई थी और उन्होंने इंग्लैंड से वकालत की पढ़ाई करी थी। वहां पर उन्होंने देखा कि अंग्रेज लोग काले गोरे का भेद भाव करते हैं
और भारतीय लोगों से बर्बरता पूर्वक व्यवहार करते है। यह बात में बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी इसके खिलाफ उन्होंने भारत आकर आंदोलन करने की ठानी।
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भारत आते ही Mahatma Gandhi ने गरीबों के लिए कई हिंसक आंदोलन किए और अंत में उन्होंने “भारत छोड़ो आंदोलन” प्रारंभ किया जिसके कारण हमारे देश को आजादी मिली थी।
भारत की आजादी के 1 साल बाद महात्मा गांधी जी की 30 जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी।
Essay On Mahatma Gandhi In Hindi 400 Words
महात्मा गांधी एक महान व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उन्हें महात्मा की उपाधि इसलिए दी गई है क्योंकि उन्होंने हमारे भारत देश में जन्म लेकर हमारे देश के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। महात्मा गांधी अहिंसा और सत्य के पुजारी थे। उन्हें झूठ बोलने वाले व्यक्ति पसंद नहीं है।
Mahatma Gandhi का जन्म गुजरात राज्य के एक छोटे से शहर पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो की अंग्रेजी हुकूमत में एक दीवान के रूप में कार्य करते थे।
उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो कि गृहणी थी वे हमेशा पूजा पाठ में लगी रखी थी इसका असर हमें गांधी जी का सीन देखने को मिला है वह भी ईश्वर में बहुत आस्था रखते है।
महात्मा गांधी के जीवन पर राजा हरिश्चंद्र के व्यक्तित्व का बहुत अधिक प्रभाव था इसी कारण उनका झुकाव सत्य के प्रति बढ़ता गया।
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Mahatma Gandhi का व्यक्तित्व है बहुत ही साधारण और सरल था इसका असर हमें उनके अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों में देखने को मिलता है उन्होंने कभी भी हिंसात्मक आंदोलन नहीं किए हुए हमेशा अहिंसा और सत्याग्रह को हथियार के रूप में काम में लेते थे।
उन्होंने अपना पूरा जीवन हमारे भारत देश के लिए समर्पित कर दिया था उन्हीं के अथक प्रयासों से हम आज एक आजाद देश में सुकून की सांस ले पा रहे है। महात्मा गांधी जी ने भारत में अपने जीवन का पहला आंदोलन चंपारण से प्रारंभ किया गया था
जिसका नाम बाद में चंपारण सत्याग्रह ही रख दिया गया था इस आंदोलन में उन्होंने किसानों को उनका हक दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया था।
इसी प्रकार उन्होंने खेड़ा आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह (दांडी यात्रा) जैसे और भी आंदोलन किए थे जिसके कारण अंग्रेजी हुकूमत के पैर उखड़ने लगे थे।
उन्होंने अपने जीवन का अंतिम आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन किया था जो कि अंग्रेजों को मुझसे भारत को आजादी दिलाने के लिए हुआ था इसी आंदोलन के कारण हमें वर्ष 1947 में अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी।
लेकिन गांधीजी भारत की इस आजादी को ज्यादा दिन देख नहीं पाए क्योंकि आजादी के 1 साल बाद ही नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। यह दिन हमारे देश के लिए बहुत ही दुखद था इस दिन हमने एक महान व्यक्ति को खो दिया था।
नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या तो कर दी लेकिन उनके विचारों को नहीं दबा पाया आज भी उनके विचारों को अमल में लाया जाता है।
Essay On Mahatma Gandhi In Hindi 1800 words
प्रस्तावना –
महात्मा गांधी एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और महान व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। इसीलिए भारत में उन्हें राष्ट्रपिता और बापू के नाम से पुकारा जाता है। भारत का प्रत्येक व्यक्ति महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित है। उनके विचारों और उनके द्वारा किए गए भारत के लिए आंदोलन को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत के लोगों को समर्पित कर दिया था इसी समर्पण की भावना के कारण उन्होंने भारत के लोगों के हितों के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन आंदोलन किए थे जिनमें वे पूरी तरह से सफल रहे थे। उनका अंतिम आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के ताबूत पर अंतिम कील साबित हुई।
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उनके सम्मान में पूरे विश्व भर में 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है और भारत में महात्मा गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके विचार हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
प्रारंभिक जीवन –
महात्मा गांधी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था उनके पिताजी करमचंद गांधी अंग्रेजी हुकूमत के दीवान के रूप में काम करते थे उनकी माताजी पुतलीबाई गृहणी थी वह भक्ति भाव वाली महिला थी जिन का पूरा दिन लोगों की भलाई करने में बीतता था।
जिसका असर हमें गांधी जी के जीवन पर भी देखने को मिलता है। महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य की पोरबंदर शहर में हुआ था। महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था । महात्मा गांधी की प्रारंभिक पढ़ाई गुजरात में ही हुई थी।
Mahatma Gandhi बचपन में अन्य बच्चों की तरह ही शरारती थे लेकिन धीरे-धीरे उनके जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं घटती गई जिनके कारण उनके जीवन में बदलाव आना प्रारंभ हो गया था। उनका विवाह 13 साल की छोटी सी उम्र में ही कर दिया गया था उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा था जिन्हें प्यार से लोग “बा” के नाम से पुकारते थे। उस समय बाल विवाह प्रचलन में था इसलिए गांधी जी का विवाह बचपन में ही कर दिया गया था।
उनके बड़े भाई ने उनको पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेज दिया था। 18 वर्ष की छोटी सी आयु में 4 सितंबर 1888 को गांधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड चले गए। 1891 में महात्मा गांधीजी इंग्लैंड से बैरिस्टरी पास करके सुदेश आए और मुंबई में वकालत प्रारंभ कर दी।
अहिंसावादी जीवन का प्रारंभ –
महात्मा गांधी के जीवन में एक अनोखी घटना घटने के कारण उन्होंने अहिंसा वादी जीवन जीने का प्रण ले लिया था। दक्षिण अफ्रीका में प्रवास के दौरान महात्मा गांधी ने 1899 के एंगलो बोअर युद्ध के समय स्वास्थ्य कर्मी के तौर पर मदद की थी लेकिन इस युद्ध की विभीषिका को देख कर अहिंसा के रास्ते पर चलने का कदम उठाया था इसी के बल पर उन्होंने कई आंदोलन अनशन के बल पर किये थे जो कि अंत में सफल हुए थे।
उन्होंने ऐसे ही दक्षिण अफ्रीका के जोल विद्रोह के समय एक सैनिक की मदद की थी जिसे लेकर वे 33 किलोमीटर तक पैदल चले थे और उस सैनिक की जान बचाई थी। जिसे प्रतीत होता है कि महात्मा गांधी के जीवन के प्रारंभ से ही रग-रग में मानवता और करुणा की भावना भरी हुई थी।
राजनीतिक जीवन का प्रारंभ –
दक्षिण अफ्रीका में जब गांधी जी वकालत की पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान उन्हें काले गोरे का भेदभाव झेलना पड़ा। वहां पर हमेशा भारतीय एवं काले लोगों को नीचा दिखाया जाता था। एक दिन की बात है उनके पास ट्रेन की फर्स्ट एसी की टिकट थी लेकिन उन्हें ट्रेन से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया और उन्हें मजबूरी में तृतीय श्रेणी के डिब्बे में यात्रा करनी पड़ी।
यहां तक कि उनके लिए अफ्रीका के कई होटलों में उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया था। यह सब बातें गांधीजी के दिल को कचोट गई थी इसलिए उन्होंने राजनीतिक कार्यकर्ता बनने का निर्णय लिया ताकि वे भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव को मिटा सके।
भारत में महात्मा गांधी का प्रथम आंदोलन –
महात्मा गांधी जी का भारत में प्रथम आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ का क्योंकि अंग्रेजों ने किसानों से खाद्य फसल की पैदावार कम करने और नील की खेती बढ़ाने को जोर दे रहे थे और एक तय कीमत पर अंग्रेजी किसानों से नील की फसल खरीदना चाहते थे।
इसके विरोध में Mahatma Gandhi जी ने अंग्रेजों के खिलाफ वर्ष 1917 में चंपारण नाम के गांव में आंदोलन छेड़ दिया था। अंग्रेजों की लाख कोशिशों के बाद भी गांधीजी मानने को तैयार नहीं थे अंत में अंग्रेजों को गांधी जी की सभी बातें माननी पड़ी। बाद में इस आंदोलन को चंपारण आंदोलन के नाम से जाना गया।
इस आंदोलन की सफलता से गांधीजी में और विश्वास पैदा हुआ और उन्होंने जान लिया था कि अहिंसा से ही वे अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ सकते है।
खेड़ा सत्याग्रह –
खेड़ा आंदोलन में Mahatma Gandhi ने किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए ही किया था। वर्ष 1918 में गुजरात के खेड़ा नाम के गांव में भयंकर बाढ़ आई थी जिसके कारण किसानों की सारी फसलें बर्बाद हो गई थी और वहां पर भयंकर अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
इतना सब कुछ होने के बाद भी अंग्रेजी हुकूमत के अफसर करो (Tax) में छुट नहीं करना चाहते थे। वह किसानों से फसल बर्बाद होने के बाद भी कर वसूलना चाहते थे। लेकिन किसानों के पास उन्हें देने के लिए कुछ नहीं था तो किसानों ने यह बात गांधी जी को बताई।
गांधीजी अंग्रेजी हुकूमत के इस बर्बरता पूर्वक निर्णय से काफी दुखी हुए फिर उन्होंने खेड़ा गांव से ही अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसा पूर्वक आंदोलन छेड़ दिया। महात्मा गांधी के साथ आंदोलन में सभी किसानों ने हिस्सा लिया जिसके कारण अंग्रेजी हुकूमत के हाथ पांव फूल गए और उन्होंने खेड़ा के किसानों का कर (Tax) माफ कर दिया। इस आंदोलन को खेड़ा सत्याग्रह के नाम से जाना गया।
असहयोग आंदोलन –
अंग्रेजी हुकूमत के भारतीयों पर बर्बरता पूर्ण जुल्म करने और जलियांवाला हत्याकांड के बाद महात्मा गांधी जी को समझ में आ गया था कि अगर जल्द ही अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कुछ नहीं किया गया तो यह लोग भारतीय लोगों को अपनी क्रूर नीतियों से हमेशा खून चूसते रहेंगे।
महात्मा गांधी जी पर जलियांवाला बाग हत्याकांड का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था जिसके बाद वर्ष 1920 में Mahatma Gandhi ने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन की शुरुआत कर दी । इस आंदोलन के अंतर्गत गांधी जी ने सभी देशवासियों से निवेदन किया कि वे विदेशी वस्तुओं का उपयोग बंद कर दें और स्वदेशी वस्तुएं अपनाएं।
इस बात का लोगों पर इतना असर हुआ कि जो लोग ब्रिटिश हुकूमत के अंदर काम करते थे उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा देना चालू कर दिया था। सभी लोगों ने अंग्रेजी वस्तुओं का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी सूती वस्त्र पहने लगे थे।
इस आंदोलन के कारण ब्रिटिश हुकूमत के पैर उखड़ने लगे थे। लेकिन आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया था और चोरा चोरी जैसे बड़े कांड होने लगे थे जगह-जगह लूटपाट हो रही थी। गांधी जी का अहिंसा पूर्ण आंदोलन हिंसा का रुख अपना रहा था। इसलिए गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया। इस आंदोलन के कारण उन्हें 6 वर्ष की जेल की सजा भी हुई थी।
नमक सत्याग्रह –
ब्रिटिश हुकूमत की क्रूरता दिन प्रतिदिन भारतीयों पर बढ़ती ही जा रही थी। ब्रिटिश हुकूमत ने नया कानून पास करके नमक पर अधिक कर लगा दिया था। जिसके कारण आम लोगों को बहुत अधिक परेशानी हो रही थी।
नमक पर अत्यधिक कर लगाए जाने के कारण महात्मा गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नमक पर भारी कर लगाए जाने के विरोध में दांडी यात्रा प्रारंभ की जो कि 6 अप्रैल 1930 को गुजरात के दांडी नामक गांव में समाप्त हुई।
इस यात्रा में गांधी जी के साथ हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। दांडी गांव पहुंचकर गांधी जी ने ब्रिटिश हुकूमत के कानून की अवहेलना करते हुए खुद नमक का उत्पादन किया और लोगों को भी स्वयं नमक के उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस आंदोलन की खबर देश विदेश में आग की तरह फैल गई थी जिसके कारण विदेशी देशों का भी ध्यान इस आंदोलन की तरफ आ गया था यह आंदोलन गांधी जी की तरफ से अहिंसा पूर्वक लड़ा गया था जो कि पूर्णत: सफल रहा। इस आंदोलन को नमक सत्याग्रह और दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है।
नमक आंदोलन के कारण ब्रिटिश हुकूमत विचलित हो गई थी और उन्होंने इस आंदोलन में सम्मिलित होने वाले लोगों में से लगभग 80000 लोगों को जेल भेज दिया था।
भारत छोड़ो आंदोलन –
महात्मा गांधी जी ने ब्रिटिश हुकूमत को भारत से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ किया गया । इस आंदोलन की नींव उसी दिन पक्की हो गई थी जिस दिन गांधी जी ने नमक आंदोलन सफलतापूर्वक किया था।
उन्हें विश्वास हो गया था कि अंग्रेजों को अगर भारत से बाहर क देना है तो उसके लिए अहिंसा का रास्ता ही सबसे उत्तम रास्ता है। महात्मा गांधी ने यह आंदोलन कब छेड़ा जब द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था और ब्रिटिश हुकूमत अन्य देशों के साथ युद्ध लड़ने में लगी हुई थी।
द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण अंग्रेजों की हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही थी उन्होंने भारतीय लोगों को लिखते विश्वयुद्ध में शामिल करने का निर्णय लिया। लेकिन भारतीय लोगों ने उन्हें नित्य विश्वयुद्ध से अलग रखने पर जोर दिया।
बाद में ब्रिटिश हुकूमत के वादा करने पर भारतीय लोगों ने द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों का साथ दिया। ब्रिटिश हुकूमत ने वादा किया था कि वे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत को स्वतंत्र कर देंगे। यह सब कुछ भारत छोड़ो आंदोलन के प्रभाव के कारण ही हो पाया और वर्ष 1947 में भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिल गई।
महात्मा गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन पूर्ण रूप से सफल रहा। इसकी सफलता का श्रेय सभी देशवासियों को भी जाता है क्योंकि उन्हीं की एकजुटता के कारण इस आंदोलन में किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं हुई और अंत में सफलता प्राप्त हुई।
उपसंहार –
Mahatma Gandhi बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति थे वे हमेशा सत्य और अहिंसा में विश्वास रखते थे। उन्होंने हमेशा गरीब लोगों का साथ दिया था। जब देश में जाति, धर्म और अमीर गरीब के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा था तब गांधी जी ने ही गरीबों को साथ लेते हुए उन्हें “हरिजन” का नाम लिया और इसका मतलब भगवान के लोग होता है।
उनके जीवन पर भगवान बुद्ध के विचारों का बहुत प्रभाव था इसी कारण उन्होंने अहिंसा का रास्ता बनाया था। उनका पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ था लेकिन अंत में उन्हें सफलता प्राप्त हुई थी। उन्होंने भारत देश के लिए जो किया है उसके लिए धन्यवाद सब बहुत कम है।
हमें उनके विचारों से सीख लेनी चाहिए आज लोग एक दूसरे से छोटी छोटी बात पर झगड़ा करने लगते हैं और हर एक छोटी सी बात पर लाठी और बंदूके चलाने लगते है। गांधी जी ने कहा था कि जो लोग हिंसा करते हैं वे हमेशा नफरत और गुस्सा दिलाने की कोशिश करते है। गांधीजी के अनुसार अगर शत्रु पर विजय प्राप्त करनी है तो हम अहिंसा का मार्ग भी अपना सकते है। जिसको अपनाकर गांधी जी ने हमें ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलवाई थी।
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10 thoughts on “महात्मा गांधी पर निबंध – Essay On Mahatma Gandhi In Hindi”
Rohit ji app ne sahi bola
apke essay ka koi app hai महात्मा गांधी एक महान व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उन्हें महात्मा की उपाधि इसलिए दी गई है क्योंकि उन्होंने हमारे भारत देश में जन्म लेकर हमारे देश के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। महात्मा गांधी अहिंसा और सत्य के पुजारी थे। उन्हें झूठ बोलने वाले व्यक्ति पसंद नहीं है।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद प्रवीण विश्नोई जी, ऐसे ही हिंदी यात्रा पर आते रहे
Bhut Accha laga ye padh ke or hame ghadhi Ji ke bare me kafi jankari basil hui or isko Yaar Karna bhi easy hoga kyoki ye saral shbdo me tha or aasha karte he ese hi hame Jo chaye wo ese hi mile
Nishat khan ji, hum aap ko aise hi saral bhasha me content dete rahnge. Parsnsha ke liye aap ka bhut bhut Dhanyawad.
Mahatma Gandhi the legend me hamare liye kya kuch nhi kiya par tabh bhi kuch log unhe abhi bhi Bura Bolte h
Arti Nanda ji aap ne sahi bola aap chahe kitne bhi sahi hi log kuch na kuch to kahe ge, log to bhagvaan ko bhi dosh dete hai gandhi ji to bhi insaan the.
Mahatma gandhi bhale hee kyu na rahe lakin us kee yad aabhi bhee ham sab ke dilo dimag mai hai
Rohit ji app ne sahi bola, Mahatma gandhi ji ke vichar aaj bhi hamare saath hai.
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर निबंध
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत के ही नहीं बल्कि संसार के महान पुरुष थे। वे आज के इस युग की महान विभूति थे। महात्मा गांधी जी सत्य और अहिंसा के अनन्य पुजारी थे और अहिंसा के प्रयोग से उन्होंने सालों से गुलाम भारतवर्ष को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करवाया था। विश्व में यह एकमात्र उदाहरण है कि गांधी जी के सत्याग्रह के समक्ष अंग्रेजों को भी झुकना पड़ा।
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात राज्य के काठियावाड़ जिले में स्थित पोरबन्दर नामक स्थान पर हुआ था। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था। गांधी जी के पिता का नाम करमचन्द गांधी था और उनकी माता का नाम पुतलीबाई गांधी था। मोहनदास जी अपने पिता जी की चौथी पत्नी की आखिरी संतान थे।
गांधी जी की प्रारम्भिक शिक्षा पोरबन्दर में हुई थी। गांधी जी जब 13 साल की उम्र के थे और स्कूल में पढ़ते थे तब उनका विवाह पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा देवी जी से हुआ था।
जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में थे तो उस समय भारत में स्वतंत्रता आन्दोलन चल रहा था। सन् 1915 में गांधी जी भारत लौटे थे। उन दिनों में गोपाल कृष्ण गोखले जी कांग्रेस के गणमान्य सदस्य थे। गोपाल कृष्ण गोखले जी की अपील पर गांधी जी कांग्रेस में शामिल हुए थे और पूरे भारत का भ्रमण किया था।
गांधी जी ने जब देश की बागडोर को अपने हाथों में लिया था तो देश में एक नए इतिहास का सूत्रपात हुआ था। गांधी जी ने सन् 1920 में असहयोग आन्दोलन की शुरुआत की थी। जब सन् 1928 में साइमन कमिशन भारत में आया था तो गांधी जी ने उसका बहुत डटकर सामना किया था।
गांधी जी को भारतीय इतिहास के युग पुरुष के रूप में हमेशा याद रखा जायेगा। आज सारा विश्व उन्हें श्रद्धा से नमन करता है। गांधी जी के जीवन पर अनेक भाषाओँ में फ़िल्में बनाई गईं जिससे आज का मानव उनसे प्रेरणा ले सके। गांधी जी के जन्मदिन को सारा संसार श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाता है। अमेरिका जैसे बड़े राष्ट्र ने भी अपने देश में 2 अक्टूबर को गांधी दिवस के रूप में मनाने की मान्यता दे दी है। युग-युग तक गांधी जी को बहुत याद किया जायेगा।
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महात्मा गांधी पर 10 लाइन कक्षा 3 छात्रों के लिए | 10 Lines on Mahatma Gandhi
10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi: महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। वह अपने अच्छे काम के कारण महात्मा बने। उनका जन्म 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने सोचा कि जिम्नास्टिक का शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए वह खेल और खेल में भाग लेना पसंद नहीं करता था।
आखिरकार 14 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। कुछ ही समय बाद एक गुमराह युवक ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
Table of Contents
10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi for Class 3 Students
Pattern 1 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 3 Students.
- मोहनदास करमचंद गांधी भारत के एक महान और शक्तिशाली नेता थे।
- लोग उन्हें प्यार से बापूजी या महात्मा गांधी कहते हैं।
- उनकी स्कूली शिक्षा उनके पैतृक स्थान पर हुई थी। वह अपने शिक्षकों के लिए बहुत सम्मान करता था।
- गांधीजी मैट्रिक की पढ़ाई के बाद अपनी उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए।
- उन्होंने इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई की और 1891 में बैरिस्टर बने।
- उनके पिता का नाम काबा गांधी और माता का नाम पुतली बाई था।
- उन्होंने राष्ट्र की एकता के लिए काम किया और उनके नेतृत्व में अस्पृश्यता की समस्या को दूर किया।
- गांधीजी हमेशा सत्य में विश्वास रखते थे। वह अहिंसा में भी विश्वास करते थे जिसका अर्थ है अहिंसा।
- उन्होंने नागरिक अधिकार आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन आदि जैसे कई महत्वपूर्ण आंदोलन शुरू किए।
- उन्हें 30 जनवरी 1948 को गोली मार दी गई थी। उनका संदेश हमेशा हमारे देश का मार्गदर्शन करेगा।
10 Lines on Mahatma Gandhi in English for Class 3 Students
Pattern 2 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 3 Students.
- Mohandas Karamchand Gandhi was a great and powerful leader of India.
- People fondly call him Bapuji or Mahatma Gandhi.
- His schooling was done at his native place. He had great respect for his teachers.
- Gandhiji went to England for his higher education after matriculation.
- He studied law in England and became a barrister in 1891.
- His father’s name was Kaba Gandhi and mother’s name was Putli Bai.
- He worked for the unity of the nation and removed the problem of untouchability under his leadership.
- Gandhiji always believed in truth. He also believed in Ahimsa which means non-violence.
- He started many important movements like Civil Rights Movement, Dandi March, Quit India Movement etc.
- He was shot on 30 January 1948. His message will always guide our nation.
10 Lines on Mahatma Gandhi in Odia for Class 3 Students
Pattern 3 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 3 Students.
- ମୋହନଦାସ କରମଚାନ୍ଦ ଗାନ୍ଧୀ ଭାରତର ଜଣେ ମହାନ ତଥା ଶକ୍ତିଶାଳୀ ନେତା ଥିଲେ।
- ଲୋକମାନେ ତାଙ୍କୁ ଭଲପାଇ ବାପୁଜୀ କିମ୍ବା ମହାତ୍ମା ଗାନ୍ଧୀ ବୋଲି ଡାକନ୍ତି |
- ତାଙ୍କ ସ୍କୁଲ୍ ତାଙ୍କ ଜନ୍ମସ୍ଥାନରେ କରାଯାଇଥିଲା | ତାଙ୍କର ଶିକ୍ଷକମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ତାଙ୍କର ବହୁତ ସମ୍ମାନ ଥିଲା।
- ଗାନ୍ଧିଜୀ ମାଟ୍ରିକ୍ ପରେ ଉଚ୍ଚଶିକ୍ଷା ପାଇଁ ଇଂଲଣ୍ଡ ଯାଇଥିଲେ।
- ସେ ଇଂଲଣ୍ଡରେ ଆଇନ ଅଧ୍ୟୟନ କରିଥିଲେ ଏବଂ ୧ 9191 ୧ ମସିହାରେ ଜଣେ ବାରିଷ୍ଟର ହୋଇଥିଲେ।
- ତାଙ୍କ ପିତାଙ୍କ ନାମ କବା ଗାନ୍ଧୀ ଏବଂ ମାତାଙ୍କ ନାମ ପୁଟଲି ବାଇ ଥିଲା।
- ସେ ଜାତିର ଏକତା ପାଇଁ କାର୍ଯ୍ୟ କରିଥିଲେ ଏବଂ ତାଙ୍କ ନେତୃତ୍ୱରେ ଅସ୍ପୃଶ୍ୟତା ସମସ୍ୟା ଦୂର କରିଥିଲେ।
- ଗାନ୍ଧିଜୀ ସର୍ବଦା ସତ୍ୟରେ ବିଶ୍ୱାସ କରୁଥିଲେ। ସେ ଅହିମସା ଉପରେ ମଧ୍ୟ ବିଶ୍ believed ାସ କରୁଥିଲେ ଯାହାର ଅର୍ଥ ଅହିଂସା |
- ସେ ନାଗରିକ ଅଧିକାର ଆନ୍ଦୋଳନ, ଦାଣ୍ଡି ମାର୍ଚ୍ଚ, ଭାରତ ଛାଡିବା ଇତ୍ୟାଦି ଭଳି ଅନେକ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ଗତିବିଧି ଆରମ୍ଭ କରିଥିଲେ।
- ତାଙ୍କୁ 30 ଜାନୁଆରୀ 1948 ରେ ଗୁଳି କରାଯାଇଥିଲା। ତାଙ୍କର ବାର୍ତ୍ତା ସର୍ବଦା ଆମ ଦେଶକୁ ମାର୍ଗଦର୍ଶନ କରିବ |
10 Lines on Mahatma Gandhi in Telugu for Class 3 Students
Pattern 4 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 3 Students.
- మోహన్ దాస్ కరంచంద్ గాంధీ భారతదేశానికి గొప్ప మరియు శక్తివంతమైన నాయకుడు.
- ప్రజలు ఆయనను బాపూజీ లేదా మహాత్మా గాంధీ అని ముద్దుగా పిలుచుకుంటారు.
- అతని పాఠశాల విద్య అతని స్వస్థలంలో జరిగింది. అతను తన గురువుల పట్ల గొప్ప గౌరవాన్ని కలిగి ఉన్నాడు.
- గాంధీజీ మెట్రిక్యులేషన్ తర్వాత ఉన్నత విద్య కోసం ఇంగ్లండ్ వెళ్లారు.
- ఇంగ్లండ్ లో న్యాయశాస్త్రం చదివి 1891లో బారిస్టర్ అయ్యాడు.
- అతని తండ్రి పేరు కాబా గాంధీ మరియు తల్లి పేరు పుత్లీ బాయి.
- ఆయన నాయకత్వంలో జాతి ఐక్యత కోసం కృషి చేసి అంటరానితనాన్ని తొలగించారు.
- గాంధీజీ ఎప్పుడూ సత్యాన్నే నమ్మేవారు. అతను అహింస అంటే అహింసను కూడా నమ్మాడు.
- అతను పౌర హక్కుల ఉద్యమం, దండి మార్చ్, క్విట్ ఇండియా ఉద్యమం మొదలైన అనేక ముఖ్యమైన ఉద్యమాలను ప్రారంభించాడు.
- అతను 1948 జనవరి 30న కాల్చబడ్డాడు. ఆయన సందేశం ఎల్లప్పుడూ మన దేశానికి మార్గదర్శకంగా ఉంటుంది.
10 Lines on Mahatma Gandhi in Marathi for Class 3 Students
Pattern 5 – 10 Lines Essay or Shorts Essay is very helpful for class 3 Students.
- मोहनदास करमचंद गांधी हे भारताचे महान आणि शक्तिशाली नेते होते.
- लोक त्यांना प्रेमाने बापूजी किंवा महात्मा गांधी म्हणतात.
- त्यांचे शालेय शिक्षण त्यांच्या जन्मगावी झाले. त्याला आपल्या शिक्षकांबद्दल खूप आदर होता.
- मॅट्रिकनंतर उच्च शिक्षणासाठी गांधीजी इंग्लंडला गेले.
- त्यांनी इंग्लंडमध्ये कायद्याचे शिक्षण घेतले आणि 1891 मध्ये बॅरिस्टर झाले.
- त्यांच्या वडिलांचे नाव काबा गांधी आणि आईचे नाव पुतलीबाई होते.
- त्यांनी राष्ट्राच्या एकात्मतेसाठी कार्य केले आणि त्यांच्या नेतृत्वाखाली अस्पृश्यतेची समस्या दूर केली.
- गांधीजींचा नेहमीच सत्यावर विश्वास होता. त्यांचा अहिंसा म्हणजेच अहिंसेवरही विश्वास होता.
- नागरी हक्क आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोडो आंदोलन इत्यादी अनेक महत्त्वाच्या चळवळी त्यांनी सुरू केल्या.
- 30 जानेवारी 1948 रोजी त्यांच्यावर गोळ्या झाडण्यात आल्या. त्यांचा संदेश आपल्या देशाला नेहमीच मार्गदर्शन करेल.
Last Word Mahatma Gandhi
मैंने अपने प्यारे बच्चों और कक्षा 3 के छात्रों के लिए महात्मा गांधी पर 10 पंक्तियाँ यहाँ उपलब्ध कराई हैं यह निबंध छात्र को अपना गृहकार्य करने में बहुत मदद करता है यह एक प्रभावी तरीका है।
यह निबंध बच्चों और छात्रों के लिए बहुत ही सरल और याद रखने में आसान है। मेरे पास यह निबंध आपके लिए बहुत उपयोगी है और मैं आपको पसंद करता हूं।
अन्य पोस्ट देखें – Short Essay / 10 Lines Essay .
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References Links:
- https://en.wikipedia.org/wiki/Mahatma_Gandhi
- https://www.bl.uk/people/mahatma-gandhi
- https://www.britannica.com/biography/Mahatma-Gandhi
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